नई दिल्ली. 26 जुलाई 2017 को कारगिल की जंग जीतने यानी विजय दिवस के
18 साल पूरे हो गए। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस
जंग में 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे। 1363 जवान घायल हुए थे। भारत ने ये
लड़ाई 84 दिन में जीत ली थी। इस दौरान एक ऐसा वक्त भी आया, जब जंग को खत्म
करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को फोन किया और उनकी बात एक्टर दिलीप कुमार
से करवाई। दिलीप कुमार की आवाज सुनकर नवाज चौंक गए थे। नवाज ने अटलजी से
कारगिल पर अपना पक्ष रखने के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मांगा था। इस घटना का
जिक्र पाक के पूर्व फॉरेन मिनिस्टर खुर्शीद कसूरी ने अपनी बुक 'नाइदर अ हॉक
नॉर अ डव' में किया है।
पाक कैसे अलग-थलग पड़ा था?
- कसूरी की बुक के मुताबिक, "प्रेसिडेंट परवेज मुशर्रफ ने कई मौकों पर ये कहा कि कारगिल ने इस बात को उजागर किया कि कश्मीर विवाद का हल ढूंढने की जरूरत है। जब वे ये तर्क देते हैं कि कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढने के लिए जो मूवमेंट शुरू किया गया, उसे आगे बढ़ाने में कारगिल कारगर हो सकता है, तब मुझे लगता है कि कारगिल ने पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया। जी-8 स्टेटमेंट में 20 जून 1999 को कहा गया कि कारिगल में पाकिस्तान की ओर से आर्म्ड घुसपैठ गैरजिम्मेदाराना है।"
- कसूरी की बुक के मुताबिक, "प्रेसिडेंट परवेज मुशर्रफ ने कई मौकों पर ये कहा कि कारगिल ने इस बात को उजागर किया कि कश्मीर विवाद का हल ढूंढने की जरूरत है। जब वे ये तर्क देते हैं कि कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढने के लिए जो मूवमेंट शुरू किया गया, उसे आगे बढ़ाने में कारगिल कारगर हो सकता है, तब मुझे लगता है कि कारगिल ने पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया। जी-8 स्टेटमेंट में 20 जून 1999 को कहा गया कि कारिगल में पाकिस्तान की ओर से आर्म्ड घुसपैठ गैरजिम्मेदाराना है।"
- "वॉशिंगटन ने पाकिस्तान को अपनी
सेनाएं वापस बुलाने और दोबारा पहले जैसे हालात कायम करने के लिए कहा।
यूरोपियन यूनियन ने भी तुरंत घुसपैठियों को वापस बुलाने की बात कही थी। चीन
ने दोनों पक्षों को लाइन ऑफ कंट्रोल की रिस्पेक्ट करने की बात कही थी।
केवल इस्लामिक कॉन्फ्रेंस ऑर्गनाइजेशन ने पाकिस्तान के स्टैंड का समर्थन
किया था।"
सीक्रेट चैनल से हुई थी बात
- कसूरी ने लिखा, "यह विवाद (कारगिल वॉर) दूसरे मायनों में भी अहम है। इस दौरान बातचीत के लिए एक सीक्रेट चैनल बनाया गया। इसमें विशेष राजदूत आरके मिश्रा, पीएम वाजपेयी के एक विश्वासपात्र जनर्लिस्ट और पूर्व पाकिस्तानी फॉरेन सेक्रेटरी नियाज ए. नाइक शामिल थे। नियाज नवाज शरीफ की तरफ से इस बातचीत में हिस्सा ले रहे थे। वे लगातार इस मसले का हल ढूंढने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच यात्रा कर रहे थे। हॉटलाइन पर नवाज शरीफ और अटल बिहारी वाजपेयी भी लगातार बातचीत कर रहे थे। इस मसले पर दोनों के बीच टेलिफोन पर 3 बार बातचीत हुई।"
- कसूरी ने लिखा, "यह विवाद (कारगिल वॉर) दूसरे मायनों में भी अहम है। इस दौरान बातचीत के लिए एक सीक्रेट चैनल बनाया गया। इसमें विशेष राजदूत आरके मिश्रा, पीएम वाजपेयी के एक विश्वासपात्र जनर्लिस्ट और पूर्व पाकिस्तानी फॉरेन सेक्रेटरी नियाज ए. नाइक शामिल थे। नियाज नवाज शरीफ की तरफ से इस बातचीत में हिस्सा ले रहे थे। वे लगातार इस मसले का हल ढूंढने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच यात्रा कर रहे थे। हॉटलाइन पर नवाज शरीफ और अटल बिहारी वाजपेयी भी लगातार बातचीत कर रहे थे। इस मसले पर दोनों के बीच टेलिफोन पर 3 बार बातचीत हुई।"
कैसी थी कारगिल की जंग?
भारत ने 2.5 लाख गोले और रॉकेट दागे थे
- 2 लाख 50 हजार गोले और रॉकेट दागे गए, 300 से ज्यादा तोपें, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया। रोजाना 5 हजार से ज्यादा बम भारत की ओर से हर रोज फायर किए गए।
- लड़ाई के अहम 17 दिनों में रोजना हर आर्टिलरी बैटरी से करीब एक मिनट में एक राउंड फायर किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली ऐसी लड़ाई थी, जिसमें किसी एक देश ने दुश्मन देश की सेना पर इतनी ज्यादा बमबारी की।
Source:-Bhaskar
View more : UK VPS server and UK Dedicated server and UK Cloud server
भारत ने 2.5 लाख गोले और रॉकेट दागे थे
- 2 लाख 50 हजार गोले और रॉकेट दागे गए, 300 से ज्यादा तोपें, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया। रोजाना 5 हजार से ज्यादा बम भारत की ओर से हर रोज फायर किए गए।
- लड़ाई के अहम 17 दिनों में रोजना हर आर्टिलरी बैटरी से करीब एक मिनट में एक राउंड फायर किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली ऐसी लड़ाई थी, जिसमें किसी एक देश ने दुश्मन देश की सेना पर इतनी ज्यादा बमबारी की।
Source:-Bhaskar
View more : UK VPS server and UK Dedicated server and UK Cloud server
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.